Poetry शोर! Posted on April 27, 2024April 27, 2024 by tanya garain आज फिर लड़ने का दिन था,एक आख़िरी बार,बस पार निकल जाऊँगी मैं,इस शोर के उस पार।कैसा शोर?कैसी आवाजें?चारों तरफ है क्या,कुछ दीवार, कुछ दरवाजे।शोर तो…
Poetry कैसा है तुम्हारा विश्वास? Posted on January 22, 2024January 22, 2024 by tanya garain तुम्हारे मन में बस्ता कौन,किसकी तुम पूजा करो।किसकी पूजा को तुम धर्म कहो,किसकी अर्चना को विश्वास कहो।ये सब क्या तुम्हारा नहीं?ये पराया कैसे होने लगा…
Poetry रावन कौन? Posted on December 28, 2023December 28, 2023 by tanya garain हर गली गलियारे में, मंदिर में, पाठशालाओं में,राम की जय जय कार है, माँ सीता की जय कार है।पढ़ी रामायण सबने, विस्तार में उसका बखान…
Poetry गुण अनोखा Posted on December 25, 2023December 25, 2023 by tanya garain खूबियां बहुत दी उपर वाले ने सबको,पर एक खूबी बस कुछ इंसानों को ही दी,पाना सिखाया सबको,इंतजार का हुनर गिने चुनो को ही दी।अब तुम…
Poetry घर याद आता है मुझे Posted on November 4, 2023November 4, 2023 by tanya garain घर की याद जनाब ऐसे नहीं आती,थोड़ा दूर जाना पड़ता है घर से,सजे सितारों से आसमाँ,यूँही प्यारे नहीं लगते,पल सुहाने याद करने होते हैं घर…