Poetry Reflections Posted on May 27, 2024May 27, 2024 by tanya garain To know that we move on,That we leave behind things,Once and for all,That’s a beautiful thought,But just a thought. If that night was heavy on…
Poetry खुल के हसते हो क्या? Posted on May 5, 2024May 5, 2024 by tanya garain खुल के हसते हो क्या?मन से खिलते हो क्या?पूछा फूलों से जिन्हें खिले अब समय हुआ,कलियां थी कभी पर काम खत्म हुआ,फूल से बेल होने…
Poetry शोर! Posted on April 27, 2024April 27, 2024 by tanya garain आज फिर लड़ने का दिन था,एक आख़िरी बार,बस पार निकल जाऊँगी मैं,इस शोर के उस पार।कैसा शोर?कैसी आवाजें?चारों तरफ है क्या,कुछ दीवार, कुछ दरवाजे।शोर तो…
Poetry कैसा है तुम्हारा विश्वास? Posted on January 22, 2024January 22, 2024 by tanya garain तुम्हारे मन में बस्ता कौन,किसकी तुम पूजा करो।किसकी पूजा को तुम धर्म कहो,किसकी अर्चना को विश्वास कहो।ये सब क्या तुम्हारा नहीं?ये पराया कैसे होने लगा…
Poetry रावन कौन? Posted on December 28, 2023December 28, 2023 by tanya garain हर गली गलियारे में, मंदिर में, पाठशालाओं में,राम की जय जय कार है, माँ सीता की जय कार है।पढ़ी रामायण सबने, विस्तार में उसका बखान…