मैं क्या लिखूं तेरे लिए कविता,
तू तो सब जानती है न माँ।
क्या समझाऊँ अपने मन की गीता,
तू तो सब समझती है न माँ।
दुनिया चाहे कुछ कहे ,
मेरा दिल तेरे लिए हमेशा सुन्दर रहे।
मुझे डर अब है नहीं किसी से लगता,
पर तू नाराज़ हो तो डर जाती हूँ मैं माँ।
गलती दुनिया का कौन बच्चा नहीं करता,
पर तू तो गले से लगा लेती है माँ।
थकान चाहे हो किसी की भी,
तेरे गोद में उतर जाता है वो माँ।
नादान कहे या कहे चाहे कुछ भी,
तू तो बेटी को भी राजा बेटा कहती है माँ।
तेरे लिए एक दिन क्या, हर दिन है तेरा,
तू बस मेरे साथ रहना माँ।
तूझे निराशा न होगी, ये सपना है मेरा,
रास्ता भी सही होगा भरोसा करना न माँ।
तेरे से सीखा दुनिया से लड़ना,
मुझपे यकीन खोना न माँ।
एक दिन ये सारा जहां होगा अपना,
तू बस ख़ुशी में खीर बना देना माँ।
HAPPY MOTHER’S DAY TO ALL THE MOTHERS THERE…THIS WORLD IS GRATEFUL TO HAVE YOU ?
Wow great poem beta. The lines were heart touching and full of emotions. You make me a proud mother. God bless you.
So Cute……..
Nice Line about Mother
Nice poem as always Tanya ??
I haven?¦t checked in here for a while as I thought it was getting boring, but the last several posts are great quality so I guess I will add you back to my daily bloglist. You deserve it my friend 🙂
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Aw, this was an exceptionally nice post. Spending some time and actual effort to produce a really good article… but what can I say… I procrastinate a lot and don’t seem to get anything done.