To all strong yet sweet fathers ??

हमारा क्या है, हम तो सेज पे सोये हैं,
बिन सोचे हम उस गुड़िया के लिए रोये हैं।
छाओं में कटती ज़िंदगी में, हम क्या जानें धूप,
तपे तो आप, पर जताया ना, दर्द छुपाते पापा खूब।

जो चाहा वो पाया, खुद को मैंने पापा समझा राजकुमारी,
पर देने को सब आपने दिन रात न समझा, न समझा होली दिवाली।
नखरे भी खूब किये, आपके गुस्से की शिकायत की माँ से,
पर पापा मेरी सुबह की नींद को बचाने, आप भी कम नहीं लड़े माँ से।

मैंने चलने दौड़ने की कोशिश में, पापा तकलीफ तो दी होगी,
मेरी कुछ बातें, आदतें, या गलतियां, कुछ नाराजगी तो रही होगी।
कभी मैंने भी गुस्सा किया होगा, शायद समझदार बनने की लालसा थी,
पर पापा, आपके प्यार की मधुरता, मीठी खीर में भी ना थी।

लिख दूँ आपके बारे में ये बात कहीं पर,
आया न होगा फरिश्ता आपके जैसा जमीं पर।
हाँ माना कि ऊपर वाला मेहरबान है सब पे,
पर पापा बन के रहते हैं वो मेरे साथ जाने कब से।

One Reply to “To all strong yet sweet fathers ??”

  1. Being a father, I am really proud of you and your emotions! You really touched my emotions and loves. God bless you.

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